उदयपुर (लाहौल-स्पीति)। समुद्रतल से 13050 फीट ऊंचे रोहतांग दर्रा पर सोमवार से लोग पैदल लांघने का प्रयास न करें। कड़ाके की ठंड और बर्फ के बीच फंसोगे तो बचाने वाला भी कोई नहीं मिलेगा। प्रशासन की ओर से रोहतांग दर्रे के आर पार पैदल राहगीरों के लिए कोकसर और मढ़ी में स्थापित बचाव चौकियाें को हटाया जा रहा है। पिछले साल बचाव चौकियों के जवानों ने 17,555 पैदल राहगीरों को रोहतांग दर्रे के आर पार सुरक्षित पहुंचाया है। बचाव दल अप्रैल माह में अमृतसर से लाहौल के ठोलंग गांव में सत्संग के लिए आ रहे करीब डेढ़ सौ लोगों को रोहतांग दर्र्रे से रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाया था। इसके अलावा दल के कर्मियों ने जाड़े के दिनों रोहतांग दर्रे में लोगों की पैदल आवाजाही में मदद कर सराहनीय कार्य किए हैं। लोगों ने जान जोखिम में डालकर दूसरों की जिंदगी बचाने वाले बचाव दल के इन जवानों को गणतंत्र दिवस में सम्मानित करने की मांग की है। हिमाचल प्रदेश राजीव गांधी पंचायतीराज संगठन के जिला अध्यक्ष तांदी पंचायत प्रधान सुरेश कुमार, पंचायती राज संगठन के जिला उपाध्यक्ष एवं सिस्सू पंचायत के पूर्व प्रधान जगदीश कटोच, समाज सेवक सोहन लाल गौतम सहित घाटी वासियों ने जिला प्रशासन और सरकार को इन जवानों के कार्य को देखते हुए सम्मानित किए जाने की सिफारिश की है। उपायुक्त लाहौल-स्पीति एसएस गुलेरिया ने बताया कि 31 दिसंबर से मढ़ी और कोकसर में स्थापित बचाव चौकियों को हटाया जाएगा। उन्होंने लोगों से आह्वान किया है कि अब रोहतांग दर्रा पैदल लांघने का प्रयास न करें।
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